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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2646
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-3 इतिहास

प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।

उत्तर -

प्रथम अफगान युद्ध की आलोचना
(Criticism of First Afghan War)

(1) प्रथम अफगान युद्ध पूरी तरह से असफल रहा। यद्यपि बीस सहस्र प्राण न्यौछावर हुए तथा 150 लाख स्टर्लिंग का व्यय हुआ, तथापि न ब्रिटिश सरकार तथा न ही भारत सरकार को कुछ भी लाभ हुआ। दोस्त मुहम्मद को युद्ध के बाद राजगद्दी पुनः प्राप्त हो गई। ऐसा अनुभव किया गया कि उसका अन्य विकल्प कुछ भी नहीं है। भारत सरकार अफगानिस्तान के किसी भी प्रदेश पर अपना नियंत्रण नहीं रख सकी। लार्ड एलेनबरा की गर्वोक्ति यह थी कि विजेता अंग्रेज अपने साथ ग़ज़नी से सोमनाथ के वे द्वार लाये, जो 11वीं शताब्दी में ग़ज़नी का महमूद ले गया था। उसका दावा था कि- “800 वर्षों के अपमान का अन्त में बदला ले लिया गया है। केयी के अनुसार, "यह घोषणा बिल्कुल गलत थी। यह अत्यन्त विचारहीनता के ढंग की एक मूर्खता थी क्योंकि इससे किसी को प्रसन्न नहीं किया जा सका तथा बहुत से व्यक्तियों का अपमान हो गया। इसकी न तो हिन्दुओं ने कोई परवाह की, क्योंकि वे द्वार वास्तविक नहीं थे तथा भारतीय मुसलमानों की भावनाओं को इससे दुख पहुँचा।

(2) केयी के प्रथम अफगान युद्ध की असफलता पर निम्न विचार प्रकट किये हैं, "इतिहास के पृष्ठों में अन्य कोई भी असफलता इतनी पूर्ण तथा आत्यन्तिक नहीं है, जिस प्रकार यह अंकित है। संसार के इतिहास में ऐसी बड़ी तथा प्रभावशाली शिक्षा कहीं भी नहीं मिलती। यह बात तथ्यों से प्रकट है कि इस नाश वाले युद्ध पर भारतवर्ष के रहने वालों को, जिनके हम सेवक हैं, 150 लाख पौंड धनराशि का नुकसान सहन करना पड़ा। यह सारा भार भारत के राजस्व पर पड़ा तथा देश बाद में अनेक वर्षों तक इस भार से चीखता-चिल्लाता रहा। ब्रिटिश सरकार अपनी सीमाओं पर एक मित्र शक्ति के बनाए रखने में असफल रही। भारी धन खर्च हुआ तथा मानव रक्त की हानि के बाद अंग्रेजों ने अनुभव किया कि "अफगानिस्तान का प्रत्येक कस्बा तथा गाँव शत्रुओं से रोमांचित है।'

( 3 ) ट्राटर के अनुसार, "ऑकलैण्ड की नीति पूर्ण असफलता, जैसेकि वह गैर कानूनी तथा भयंकर भूलों से युक्त है, मुख्य रूप में उन सेनापतियों की भावना का परिणाम है जो उनके कार्य के लिये अयोग्य है। मैकनाटन प्रसन्नतापूर्ण विश्वास भावना, एल्फिन्स्टन का शारीरिक तथा मानसिक नाश, शैल्टन की मूर्खता की इच्छा, नागरिक तथा सैनिक शक्तियों के मध्य घातक मतभेद, सेल के द्वारा सामयिक सहायता का रोकना ये सब बातें लार्ड ऑकलैण्ड के अधूरे साधन तथा दुर्भाग्यपूर्ण समय की अल्पव्ययिता, जिसके द्वारा इस प्रकार का नाटकीय साहस पूर्ण करना चाहता था, मूर्खता तथा भूल से प्रारम्भ हुई। केयी के अनुसार, "अफगानिस्तान में अंग्रेजों की नीति गलत थी तथा हमारे राजनीतिज्ञों की बुद्धिमत्ता मूर्खता है, हमारी सेनाओं की शक्ति उनकी कमजोरी है, जो एक अपवित्र उद्देश्य के लिए भार स्वरूप है।"

(4) आलोचकों का कहना है कि लार्ड ऑकलैंड के पास नवम्बर 1838 में अफगानिस्तान में ब्रिटिश फौजें भेजने का कोई मुख्य कारण नहीं था। ब्रिटिश असहमति फारस निवासियों के द्वारा हिरात के घेरे के सम्बन्ध में रूसियों की सहायता थी। यह घेरा सितम्बर 1838 ई० में उठा लिया गया। हिरात से फारस की सेनाओं के पीछे हटने के बाद अंग्रेजों के लिए अफगानिस्तान में हस्तक्षेप के लिए कोई भी कारण नहीं था।

(5) यह भी कहा जाता है कि अफगानों के एक स्वतंत्र शासक के रूप में दोस्त मुहम्मद को पूरा अधिकार था कि वह रूस के साथ किसी प्रकार का समझौता कर लेता। ब्रिटिश सरकार को इस सम्बन्ध में विरोध करने का कोई अधिकार नहीं था। इसके साथ ही रूस के प्रतिनिधि को काबुल से ब्रिटिश सरकार के दबाव के कारण वापस बुला लिया गया। जब यह सब कुछ युद्ध के आरम्भ से पहले पूरा हो लार्ड ऑकलैण्ड को अवश्य बताना चाहिए कि उसने युद्ध का प्रारम्भ क्यों किया।

(6) एलैक्जेण्डर, बर्न्स तथा अन्य लोगों के अधिकार के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि दोस्त मुहम्मद एक कुशल शासक था। शाहशुजा का उसके सामने कोई भी मुकाबला न था। लार्ड ऑकलैण्ड की ओर से यह मूर्खतापूर्ण कार्य था कि उसने दोस्त मुहम्मद के स्थान पर शाहशुजा को काबुल की गद्दी पर बिठाने का फैसला किया।

(7) केयी के अनुसार लार्ड ऑकलैण्ड ने जो अपनी सेनाएँ अफगानिस्तान भेजीं, यह भी राजनैतिक तथा फौजी औचित्य के प्रत्येक विचार के प्रतिकूल था। ऐसे लोग भी थे जो केवल आवश्यकता को ही कारण न मानकर उच्च स्तर पर इस विषय के पक्ष का पोषण कर रहे थे, उन्होंने इसकी असफलता के निश्चय की घोषणा कर दी, क्योंकि उसके मूल अन्याय का कलंक था। यह निःसंदेह, एक प्रयोग था। जो समान रूप से भगवान तथा मनुष्य की क्षमाशीलता पर आधारित प्रयोग था। इसलिए भले ही ऊपर से सफलता दृष्टिगोचर होती हो, किन्तु अन्त में असफलता तथा अपमान की प्राप्ति निश्चित थी। ड्यूक ऑफ विर्लिंगटन, लार्ड वैल्जली सर चार्ल्स मैटकाफ तथा अन्य लोगों ने लार्ड ऑकलैंड की नीति की असफलता के सम्बन्ध में भविष्यवाणी कर दी थी। ड्यूक ऑफ विर्लिंगटन के अनुसार, "सिन्ध को पार करने का परिणाम, अफगानिस्तान में सरकार को एकबार बसाने का विचार उस देश में निरन्तर जाना होगा। इनेल के कथानुसार, "प्रथम अफगानिस्तान युद्ध सम्भवतः भारत में अंग्रेजों के सम्पूर्ण इतिहास में सबसे बड़ी और भयानक भूल थी।'

(8) डॉ. वी. ए. स्मिथ के अनुसार, "लार्ड ऑकलैंड को इतना भी ध्यान न आया कि वह सच्चाई को देश सके तथा वह बुद्धिहीन परामर्श देने वाले के परामर्श पर केवल 3 वर्ष पुरानी सन्धियों के बल पर विजय प्राप्त करने के लिए चले और मूर्खतापूर्ण नीति का अनुकरण करने के लिए ऐसी नीति को जारी रखने के लिए, जबकि उसमें किसी प्रकार के तर्क का कारण नहीं रह गये थे, दूरदर्शिता के सिद्धान्तों का उल्लंघन करने के लिए, सहस्रों जीवनों के साथ उन्हें अकुशल सेनापति के हाथ में सौंपकर खिलवाड़ करने के लिए, तथा अन्त में चुपचाप संसद की सूचना के लिए जाने वाले मूलपत्रों में बदलाव करने के लिए प्रयास करें।"

(9) यह बात उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश सरकार को इस बात का कोई अधिकार नहीं था कि वह अपनी सेनाएँ सिन्ध में से गुजारे। न केवल ब्रिटिश सेनाएँ सिन्ध में से गुजरी लेकिन उस प्रदेश को सैनिक आक्रमणों के लिए मूल स्थान बनाया गया। इसी कारण लार्ड एलेनबरा के समय में सिन्ध में अंग्रेजी राज्य में आसानी से मिलाए जाने में आसानी हो सकी।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- भारत में सर्वप्रथम प्रवेश करने वाले विदेशी व्यापारी कौन थे? विस्तृत वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के आगमन को समझाते हुए डचों के पुर्तगालियों व अंग्रेजों से हुए संघर्षो पर प्रकाश डालिए।
  3. प्रश्न- भारत में पुर्तगालियों के पतन के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  4. प्रश्न- फ्रांसीसियों के भारत आगमन एवं भारत में फ्रांसीसी शक्ति के विस्तार को समझाइए।
  5. प्रश्न- यूरोपीय डच कम्पनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  6. प्रश्न- अंग्रेजों का भारत में किस प्रकार प्रवेश हुआ संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  7. प्रश्न- यूरोपीय फ्रांसीसी कंपनी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  8. प्रश्न- पुर्तगालियों की सफलता के कारण बताइये।
  9. प्रश्न- पुर्तगालियों के असफलता के कारण बताइये।
  10. प्रश्न- आंग्ल-फ्रेंच संघर्ष के विषय में बताते हुए इसके मुख्य कारणों पर प्रकाश डालिये।
  11. प्रश्न- "अपनी अन्तिम असफलता के बावजूद भी डूप्ले भारतीय इतिहास का एक प्रतिभावान एवं तेजस्वी व्यक्तित्व है।" क्या आप प्रो. पी. ई. राबर्ट्स के डूप्ले की उपलब्धियों के सम्बन्ध में इस कथन से सहमत हैं?
  12. प्रश्न- भारत में अंग्रेजों की सफलता के क्या कारण थे?.
  13. प्रश्न- ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधीन भारत में हुए सामाजिक और आर्थिक अभावों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- अंग्रेजी कम्पनी के अधीन भारत में सामाजिक एवं धार्मिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- "भारत में फ्राँसीसियों की असफलता का कारण डूप्ले था।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  16. प्रश्न- भारत में साम्राज्य स्थापित करने में अंग्रेजों की सफलता के कारण बताइये।
  17. प्रश्न- प्लासी के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- बक्सर के युद्ध के कारण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  19. प्रश्न- कर्नाटक के युद्ध अंग्रेजों और फ्रांसीसियों की सदियों से परम्परागत शत्रुता का परिणाम थे, विवेचन कीजिये।
  20. प्रश्न- द्वितीय कर्नाटक युद्ध के कारणों और परिणामों की व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- उन महत्त्वपूर्ण कारणों का उल्लेख कीजिए जिनसे भारत में प्रभुत्व स्थापना के संघर्ष में फ्रांसीसियों को पराजय और अंग्रेजों को सफलता मिली।
  22. प्रश्न- क्लाइव की द्वितीय गवर्नरी में उसके कार्यों की समीक्षा कीजिये।
  23. प्रश्न- क्लाइव द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की विवेचना कीजिये।
  24. प्रश्न- भारत में लार्ड क्लाइव के कार्यों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
  25. प्रश्न- "प्रथम अफगान युद्ध भारत के इतिहास में अंग्रेजों की सबसे गम्भीर भूल थी।' समीक्षात्मक मूल्यांकन कीजिए।
  26. प्रश्न- भारत में आंग्ल- फ्रांसीसी संघर्ष क्या था? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- द्वैध शासन व्यवस्था के गुण एवं दोषों की विवेचना कीजिए।
  28. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  29. प्रश्न- बंगाल के कठपुतली नवाबों के कार्यकाल पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- बंगाल के द्वैध शासन से आप क्या समझते हैं?
  31. प्रश्न- द्वैध शासन की असफलता के क्या कारण थे?
  32. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  33. प्रश्न- नवाब सिराजुद्दौला के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- भारत में डच शक्ति के उत्थान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  35. प्रश्न- बक्सर का युद्ध (1764) तथा उसके महत्व की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- लॉर्ड क्लाइव द्वारा किये गये सुधारों का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- 'क्लाइव भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक था। स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- इलाहाबाद की सन्धि की प्रमुख शर्तें क्या थीं?
  39. प्रश्न- प्लासी युद्ध के महत्व की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- अलीनगर की सन्धि (सन् 1757 ई.) बताइये।
  41. प्रश्न- सिराजुद्दौला के विरुद्ध अंग्रेजों के मीर जाफर के साथ षड्यंत्र को स्पष्ट कीजिए।
  42. प्रश्न- प्लासी के युद्ध (सन् 1757 ई.) के परिणाम बताइये।
  43. प्रश्न- राबर्ट क्लाइव के विषय में आप क्या जानते हैं?
  44. प्रश्न- बक्सर के युद्ध का महत्त्व बताइये।
  45. प्रश्न- बंगाल में द्वैध शासन का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  46. प्रश्न- कालकोठरी की दुर्घटना क्या थी?
  47. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के अधीन विदेशी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  49. प्रश्न- 1773 के रेग्युलेटिंग ऐक्ट के गुण-दोष क्या थे?
  50. प्रश्न- हैदर अली के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  51. प्रश्न- प्रथम आंग्ल मराठा युद्ध के कारणों एवं परिणामों की विवेचना कीजिए।
  52. प्रश्न- वॉरेन हेस्टिंग्ज के प्रशासनिक एवं राजस्व सुधारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय नन्दकुमार का क्या मामला था?
  54. प्रश्न- मराठों के पतन के क्या कारण थे?
  55. प्रश्न- पानीपत के युद्ध की प्रमुख घटनाएँ क्या थीं?
  56. प्रश्न- वारेन हेस्टिंग्स के समय अवध की बेगमों का क्या मामला था?
  57. प्रश्न- लार्ड कॉर्नवालिस के सुधारों की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- बंगाल की स्थायी भूमि कर व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  59. प्रश्न- कार्नवालिस ने वॉरेन हेस्टिंग्ज का कार्य पूर्ण किया। विवेचना कीजिए।
  60. प्रश्न- तृतीय मैसूर युद्ध के क्या कारण थे?
  61. प्रश्न- भूमि कर नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  62. प्रश्न- एक साम्राज्य निर्माता के रूप में वेलेजली की भूमिका का मूल्याँकन कीजिए।
  63. प्रश्न- टीपू और वेलेजली के मध्य चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध की कारणों सहित व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- लार्ड वेलेजली की सहायक सन्धि प्रणाली को समझाते हुए उसके गुण-दोषों की विवेचना कीजिए।
  65. प्रश्न- वेलेजली तथा फ्रांसीसियों के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  66. प्रश्न- टीपू सुल्तान की पराजय के कारण बताइए।
  67. प्रश्न- वेलेजली के अधीन अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार एवं कंपनी के प्रदेश की सीमाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  68. प्रश्न- लार्ड वेलेजली के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थितियाँ क्या थीं?
  69. प्रश्न- वेलेजली की सहायक सन्धि की शर्तें क्या थीं?
  70. प्रश्न- वेलेजली के अवध के साथ सम्बन्ध पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- वेलेजली की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए।
  72. प्रश्न- ठगी को समाप्त करने के लिए लार्ड विलियम बैंटिक ने कहां तक सफलता प्राप्त की?
  73. प्रश्न- ब्रिटिश कम्पनी की भारत में आर्थिक एवं शैक्षिक नीति की विवेचना कीजिए।
  74. प्रश्न- लॉर्ड विलियम बेंटिक के प्रशासनिक एवं सामाजिक सुधारों का मूल्यांकन कीजिए।
  75. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक ने सती प्रथा तथा अन्य क्रूर प्रथाओं को बन्द करने की क्या नीति अपनाई? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  76. प्रश्न- विलियम बैंटिक के समाचार पत्रों के प्रति उदार नीति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- विलियम बैंटिक के द्वारा नैतिक तथा बौद्धिक विकास के लिए किये गये शैक्षणिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- बैंटिक के वित्तीय तथा न्यायिक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- लार्ड विलियम बैंटिक के प्रशासनिक एवं न्यायिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- ब्रिटिश भारत में स्त्रियों की स्थिति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- भारत पर ब्रिटिश शासन के सामाजिक प्रभाव का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
  82. प्रश्न- अंग्रेजों द्वारा पारित सामाजिक कानून पर निबन्ध लिखिए।
  83. प्रश्न- 1833 के चार्टर एक्ट पर एक टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- लार्ड डलहौजी की 'हड़पनीति से आप क्या समझते हैं? इस नीति से ब्रिटिश साम्राज्यवाद को कैसे प्रोत्साहन मिला?
  85. प्रश्न- - डलहौजी के द्वारा किए गए रचनात्मक कार्यों का वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा विद्युत तार एवं डाक सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  87. प्रश्न- लार्ड डलहौजी द्वारा रेलवे विभाग में क्या सुधार किये गये?
  88. प्रश्न- लार्ड डलहौजी के प्रशासनिक एवं सैनिक सुधारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  89. प्रश्न- भारत के आधुनिकीकरण में लार्ड डलहौजी का योगदान क्या था?
  90. प्रश्न- लार्ड डलहौजी को शिक्षा सम्बन्धी सुधारों में कहां तक सफलता प्राप्त हुई? स्पष्ट कीजिए।
  91. प्रश्न- 1853 के चार्टर एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- रणजीत सिंह का परिचय देते हुए अफगानों एवं अंग्रेजों के साथ सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  93. प्रश्न- अंग्रेजों और सिक्खों के प्रथम युद्ध के कारण व प्रसिद्ध घटनाओं और परिणामों का वर्णन कीजिये।
  94. प्रश्न- रणजीत सिंह का डोंगरों और नेपालियों से सम्बन्ध को संक्षिप्त में समझाइये |
  95. प्रश्न- रणजीत सिंह के प्रशासन के अंतर्गत भूमिकर एवं न्याय प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- रणजीत सिंह ने सैनिक प्रशासन में कहाँ तक सफलता प्राप्त की? संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  97. प्रश्न- प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध का वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- सिक्खों और अंग्रेजों के सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
  99. प्रश्न- हैदराबाद के एक राज्य के रूप में उदय की परिस्थितियों की विवेचना कीजिए।
  100. प्रश्न- हैदराबाद अकस्मात ही विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया था, विवेचनात्मक उत्तर दीजिये।
  101. प्रश्न- 1724-1802 तक की हैदराबाद की राजनीतिक गतिविधियों का अवलोकन कीजिये।
  102. प्रश्न- टीपू की शासन प्रणाली का सविस्तार से वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- मैसूर राज्य का विस्तृत अध्ययन कीजिए।
  104. प्रश्न- एंग्लो-मैसूर युद्धों का समीक्षात्मक अध्ययन कीजिये।
  105. प्रश्न- टीपू सुल्तान और मैसूर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  106. प्रश्न- मैसूर व इतिहास लेखन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- 18वीं सदी में, मैसूर की स्थिति से संक्षिप्त रूप से परिचित कराइये।
  108. प्रश्न- 1399 ईस्वी से अठारहवीं सदी के मध्य मैसूर राज्य की स्थिति से अवगत कराइये।
  109. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त से क्या आशय है? लार्ड कार्नवालिस द्वारा स्थायी बंदोबस्त लागू करने के क्या कारण थे?
  110. प्रश्न- ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर भिन्न-भिन्न कर प्रणाली लगाने का क्या उद्देश्य रहा?
  111. प्रश्न- स्थायी बंदोबस्त ने किस प्रकार जमींदारी व्यवस्था को जन्म दिया?
  112. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण के कारणों, परिणामों एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
  113. प्रश्न- 19वीं शताब्दी के प्रमुख सामाजिक-धार्मिक आन्दोलनों को बताइये।
  114. प्रश्न- क्या राजा राममोहन राय को 'आधुनिक भारत का पिता' कहना उचित है?
  115. प्रश्न- भारतीय सामाजिक तथा धार्मिक पुनर्जागरण में आर्य समाज की देनों का उल्लेख कीजिए।
  116. प्रश्न- ब्रह्म समाज के प्रमुख सिद्धान्तों व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- भारत के सामाजिक-धार्मिक पुनरुत्थान में स्वामी विवेकानन्द के योगदान का विवरण दीजिए।
  118. प्रश्न- 19-20वीं सदी के जातिवाद विरोधी आंदोलनों का वर्णन कीजिए।
  119. प्रश्न- अहिंसा और सत्याग्रह पर गाँधी जी के विचारों का मूल्याँकन कीजिए।
  120. प्रश्न- रामकृष्ण परमहंस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  121. प्रश्न- अछूतोद्धार हेतु भीमराव अम्बेडकर के किए गये कार्यों का वर्णन कीजिए।
  122. प्रश्न- आधुनिक भारत में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  123. प्रश्न- एक शासक के रूप में अशोक के महत्व का मूल्यांकन कीजिए।
  124. प्रश्न- अस्पृश्यता से आप क्या समझते हैं? इसकी समस्याओं की विवेचना कीजिए।
  125. प्रश्न- भारतीय पुनर्जागरण का क्या अर्थ है?
  126. प्रश्न- ब्रह्म समाज से आप क्या समझते हैं?
  127. प्रश्न- प्रार्थना समाज ने समाज सुधार की दिशा में क्या कार्य किए?
  128. प्रश्न- ईश्वर चन्द्र विद्यासागर के समाज सुधार में किए गए कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  129. प्रश्न- आर्य समाज की मुख्य शिक्षाएँ व समाज सुधार में किए गए योगदान का वर्णन कीजिए।
  130. प्रश्न- थियोसोफिकल सोसाइटी पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  131. प्रश्न- स्वामी विवेकानन्द के सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  132. प्रश्न- भारत में 19वीं सदी में हुए विभिन्न सुधारवादी आन्दोलनों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  133. प्रश्न- अश्पृश्यता निवारण के लिए महात्मा गाँधी की सेवाओं का मूल्याँकन कीजिए।
  134. प्रश्न- 20वीं सदी में हुए प्रमुख सामाजिक सुधारों का वर्णन कीजिए।
  135. प्रश्न- समाजवाद पर नेहरू के विचारों का उल्लेख कीजिए।
  136. प्रश्न- आधुनिक काल में जाति प्रथा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  137. प्रश्न- भारतीय समाज पर पड़े दो पाश्चात्य प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
  138. प्रश्न- नाविक विद्रोह 1946 का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- होमरूल से आप क्या समझते हैं?
  141. प्रश्न- साम्प्रदायिक निर्णय 1932 ई. की समीक्षा कीजिए।
  142. प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  143. प्रश्न- श्री अरविन्द घोष के जीवन पर प्रकाश डालिए।
  144. प्रश्न- रामकृष्ण मिशन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  145. प्रश्न- चैतन्य महाप्रभु पर एक टिप्पणी लिखिए।
  146. प्रश्न- 'पुरुषार्थ आश्रमों के मनोनैतिक आधार हैं। टिप्पणी कीजिए।
  147. प्रश्न- उन्नीसवीं सदीं में सामाजिक जागरण के क्या कारण थे?

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